राजस्थान में नदियों का विशेष महत्व है, विशेषकर पश्चिमी भाग में सिंचाई के साधनों के अभाव के कारण। अरावली पर्वत यहाँ के अपवाह तंत्र को दो भागों में विभाजित करता है। राज्य की नदियों को तीन मुख्य समूहों में बाँटा गया है:
विशेषता | विवरण |
---|---|
उद्गम स्थल | मध्य प्रदेश के महू जिले में जानापाव पहाड़ियों से |
लंबाई | 966 किमी (राजस्थान में 135 किमी) |
विशेषता | भारत की एकमात्र नदी जो दक्षिण से उत्तर की ओर बहती है |
अंतर्राज्यीय सीमा | राजस्थान और मध्य प्रदेश के बीच लगभग 250 किमी |
चंबल घाटी परियोजना के प्रमुख बांध |
|
मुख्य सहायक नदियाँ |
|
अन्य सहायक नदियाँ | आहू, परवन, अलनिया, कुराल, मेज, कुनू, छोटी कालीसिंध |
गांधी सागर बांध | ऊँचाई: 62.17 मीटर, भंडारण क्षमता: 7.322 अरब घन मीटर, जल विद्युत: 115 मेगावाट |
डांग क्षेत्र
- परिभाषा: चंबल नदी के बहाव क्षेत्र में स्थित गहरी गड्ढे युक्त भूमि, जो वन क्षेत्रों और वृक्षों से घिरी है।
- विशेषता:
- 30-35 वर्ष पहले यह क्षेत्र डाकुओं का शरण स्थल था।
- इसे 'दस्यु प्रभावित क्षेत्र' भी कहा जाता है।
चंबल नदी
राजस्थान की सतही जल उपलब्धता (नदीवार):
- चंबल (सर्वाधिक)
- बनास
- माही
- लूनी
विशेष तथ्य:
- चंबल नदी कोटा और सवाई माधोपुर तथा कोटा और बूंदी जिलों की सीमा बनाती है।
- तीव्र बहाव और गहरी घाटी के कारण इसे वाटर सफारी कहा जाता है।
- चंबल नदी में राजस्थान का सर्वाधिक अवनालिक अपक्षय होता है।
- केशोरायपाटन (बूंदी) के पास यह राजस्थान में सबसे गहरी है।
- यह यूनेस्को विश्व धरोहर नामांकन वाली एकमात्र नदी है।
- राजस्थान की सबसे अधिक कंदराओं वाली नदी।
- गांगेय सूस (डॉल्फिन) का निवास।
- चंबल के किनारे गरडिया महादेव (कोटा) और अचलेश्वर महादेव (धौलपुर) मंदिर स्थित हैं।
- राष्ट्रीय चंबल अभयारण्य इको-सेंसिटिव ज़ोन घोषित।
- घड़ियाल और गंगा डॉल्फिन यहाँ पाई जाती हैं।
- 75% घड़ियाल यहीं पाए जाते हैं।
सहायक नदियाँ और परियोजनाएँ
1. काली सिंध नदी
- उद्गम: मध्य प्रदेश (देवास)
- संगम: चंबल नदी (नौनेरा, कोटा)
- सहायक नदियाँ: आहू, परवन, निवाज, उजाड़, चौली
- बांध: हरिशचंद्र बांध (कोटा)
2. आहू नदी
- उद्गम: मध्य प्रदेश (मेंहदी गाँव)
- संगम: काली सिंध (गागरोन, झालावाड़)
3. पार्वती नदी
- उद्गम: मध्य प्रदेश (सिहोर)
- संगम: चंबल नदी (पालिया गाँव, सवाई माधोपुर)
- सहायक नदियाँ: अंधेरी, रेतीली, अहेली, ल्हासी, बैथली, बिलास, कूल
4. परवन नदी
- उद्गम: मध्य प्रदेश (विंध्याचल)
- संगम: काली सिंध (पलायता, बाराँ)
- सहायक नदियाँ: निमाज (नेवज), छापी, कालीखाड़, धार
5. कुनु नदी
- उद्गम: मध्य प्रदेश (गुना)
- संगम: चंबल नदी (करौली)
- सहायक नदियाँ: कराई, रेम्पी
- विशेष: कूनो राष्ट्रीय उद्यान का नाम इसी नदी पर है।
6. चाकण नदी
- उद्गम: बूंदी जिले के छोटे नालों से
- संगम: चंबल नदी (करणपुरा, सवाई माधोपुर)
7. मेज नदी
- उद्गम: मांडलगढ़, भीलवाड़ा
- संगम: चंबल नदी (लाखेरी, बूंदी)
- सहायक नदियाँ: बाजन, कुराल, मांगली
- विशेष: भीमलत जलप्रपात मांगली नदी पर स्थित।
महत्वपूर्ण स्थल
- गागरोन दुर्ग: आहू और काली सिंध के संगम पर स्थित।
- मनोहर थाना किला: परवन और कालीखाड़ (घोड़ा पछाड़) के संगम पर।
- शेरगढ़ अभ्यारण्य और किला: परवन नदी के किनारे।
बनास नदी
- उपनाम: वन की आशा, वर्णानाशा, वशिष्ठि।
- उद्गम: खमनोर की पहाड़ी, कुंभलगढ़ (राजसमंद)।
- लंबाई: 480 किमी (पूरी तरह राजस्थान में)।
- संगम: चंबल नदी (रामेश्वरम्, सवाई माधोपुर)।
- बांध:
- बीसलपुर बांध (टोंक)।
- ईसरदा बांध (सवाई माधोपुर)।
- जल ग्रहण क्षेत्र: 46,570 वर्ग किमी (राजस्थान में सबसे बड़ा)।
सहायक नदियाँ:
बेड़च (आयड़)
- उद्गम: गोगुंदा की पहाड़ियाँ (उदयपुर)।
- संगम: बिगोंद (भीलवाड़ा)।
- विशेष: आहड़ सभ्यता का विकास।
गंभीरी
- उद्गम: जावरा की पहाड़ियाँ (मध्य प्रदेश)।
- संगम: चित्तौड़गढ़ में बेड़च नदी।
कोठारी
- उद्गम: दिवेर (राजसमंद)।
- संगम: नन्दराय (भीलवाड़ा)।
- बांध: मेजा बांध (मांडलगढ़)।
खारी
- उद्गम: बिजराल गाँव (राजसमंद)।
- संगम: देवली (टोंक)।
मान्सी
- उद्गम: करेरा गाँव (भीलवाड़ा)।
- संगम: खारी नदी।
डाई
- उद्गम: अरावली पहाड़ियाँ (नसीराबाद, अजमेर)।
- संगम: बीसलपुर के निकट।
माशी
- उद्गम: किशनगढ़ (अजमेर)।
- संगम: गलोद (टोंक)।
- सहायक नदियाँ: बांड़ी, सोहादरा।
ढील (धील)
- उद्गम: बावली गाँव (टोंक)।
- संगम: सवाई माधोपुर।
मोरेल
- उद्गम: चैनपुरा (बस्सी, जयपुर)।
- संगम: हाड़ौती (सवाई माधोपुर)।
- बांध: मोरेल बांध।
कालीसिल
- उद्गम: करौली।
- संगम: मोरेल नदी।
- विशेष: कैला देवी मंदिर।
चंद्रभागा
- उद्गम: आमेट (राजसमंद)।
- संगम: भीलवाड़ा।
ढूंढ (डुंण्ड)
- उद्गम: अचरोल (जयपुर)।
- संगम: मोरेल।
बाणगंगा नदी
- उद्गम: बैराठ की पहाड़ियाँ (कोटपूतली)।
- लंबाई: 380 किमी।
- संगम: यमुना नदी (फतेहाबाद, उत्तर प्रदेश)।
- विशेष: अर्जुन की गंगा, बैराठ सभ्यता।
गंभीर नदी
- उद्गम: महू के लांगरा गाँव (करौली)।
- संगम: यमुना नदी।
अरवारी नदी
- उद्गम: सरिस्का पहाड़ियाँ (अलवर)।
- पुनर्जीवन: तरुण भारत संघ और राजेंद्र सिंह।
- संगम: गंभीर नदी।
बनास नदी और इसकी सहायक नदियाँ
विवरण | जानकारी |
---|---|
बनास नदी | उपनाम: वन की आशा, वर्णानाशा, वशिष्ठि |
उद्गम | खमनोर की पहाड़ी, कुंभलगढ़ (राजसमंद) |
लंबाई | 480 किमी (पूरी तरह राजस्थान में) |
संगम | चंबल नदी (रामेश्वरम्, सवाई माधोपुर) |
बांध | बीसलपुर बांध (टोंक), ईसरदा बांध (सवाई माधोपुर) |
जल ग्रहण क्षेत्र | 46,570 वर्ग किमी (राजस्थान में सबसे बड़ा) |
सहायक नदियाँ: | |
बेड़च (आयड़) | उद्गम: गोगुंदा की पहाड़ियाँ (उदयपुर), संगम: बिगोंद (भीलवाड़ा), विशेष: आहड़ सभ्यता का विकास |
गंभीरी | उद्गम: जावरा की पहाड़ियाँ (मध्य प्रदेश), संगम: चित्तौड़गढ़ में बेड़च नदी |
कोठारी | उद्गम: दिवेर (राजसमंद), संगम: नन्दराय (भीलवाड़ा), बांध: मेजा बांध (मांडलगढ़) |
खारी | उद्गम: बिजराल गाँव (राजसमंद), संगम: देवली (टोंक) |
मान्सी | उद्गम: करेरा गाँव (भीलवाड़ा), संगम: खारी नदी |
डाई | उद्गम: अरावली पहाड़ियाँ (नसीराबाद, अजमेर), संगम: बीसलपुर के निकट |
माशी | उद्गम: किशनगढ़ (अजमेर), संगम: गलोद (टोंक), सहायक नदियाँ: बांड़ी, सोहादरा |
ढील (धील) | उद्गम: बावली गाँव (टोंक), संगम: सवाई माधोपुर |
मोरेल | उद्गम: चैनपुरा (बस्सी, जयपुर), संगम: हाड़ौती (सवाई माधोपुर), बांध: मोरेल बांध |
कालीसिल | उद्गम: करौली, संगम: मोरेल नदी, विशेष: कैला देवी मंदिर |
चंद्रभागा | उद्गम: आमेट (राजसमंद), संगम: भीलवाड़ा |
ढूंढ (डुंण्ड) | उद्गम: अचरोल (जयपुर), संगम: मोरेल |
प्रमुख दुर्ग (नदी किनारे):
- गागरोन किला: आहू और कालीसिंध (झालावाड़)।
- भैंसरोड़ दुर्ग: चंबल और बामनी (चित्तौड़गढ़)।
- शेरगढ़ किला: परवन नदी (बारां)।
- चित्तौड़गढ़ दुर्ग: गंभीरी और बेड़च।
- मनोहर थाना दुर्ग: परवन और कालीखाड़।
- गढ़ पैलेस, कोटा: चंबल नदी।