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राजस्थान में वित्तीय संगठन और उनके कार्य

 

1. राजस्थान राज्य औद्योगिक विकास एवं विनियोजन निगम (RIICO - रिको)

  • स्थापना: 1969
  • मुख्यालय: जयपुर
  • मुख्य कार्य:
    1. औद्योगिक क्षेत्रों की स्थापना और विकास।
    2. आधारभूत संरचना उपलब्ध कराना।
    3. प्रोजेक्ट की तस्वीर एवं रूपरेखा तैयार करना।
    4. औद्योगिक आवासीय बस्तियों की स्थापना।
    5. लघु, मध्यम और वृहद उद्यमों को दीर्घकालीन साख उपलब्ध कराना।
  • वर्तमान स्थिति: 323 औद्योगिक क्षेत्र राजस्थान में स्थापित।

2. राजस्थान वित्त निगम (RFC)

  • स्थापना: 1955
  • मुख्यालय: जयपुर
  • मुख्य कार्य:
    लघु, मध्यम और वृहद उद्योगों को दीर्घकालीन ऋण प्रदान करना।
  • मुख्य योजनाएं:
    1. सैम फैक्स योजना: भूतपूर्व सैनिकों को स्वरोजगार के लिए ऋण।
    2. टेक्नोक्रेट स्कीम: तकनीकी शिक्षा प्राप्त युवाओं को स्वरोजगार के लिए ऋण।
    3. महिला उद्यम निधि: महिलाओं को स्वरोजगार के लिए ऋण।
    4. शिल्प बाड़ी योजना: शिल्पकारों को स्वरोजगार हेतु ऋण।
    5. कम्पोजिट कर्ज स्कीम: कारीगरों और दस्तकारों को स्वरोजगार हेतु ऋण।

3. राजस्थान लघु उद्योग निगम (RAJSICO - राजसीको)

  • स्थापना: 1961
  • मुख्यालय: जयपुर
  • मुख्य कार्य:
    1. लघु, कुटीर, खादी एवं ग्रामीण उद्योगों, दस्तकारों और कारीगरों का विकास।
    2. स्वरोजगार हेतु प्रशिक्षण, कच्चा माल, साख और विपणन सुविधा प्रदान करना।
    3. लघु और वृहद उद्योगों के बीच समन्वय।

4. ग्रामीण गैर कृषि विकास अभिकरण (RUDA)

  • स्थापना: 1995
  • मुख्य कार्य:
    1. ग्रामीण क्षेत्रों में गैर-कृषि आजीविका के साधनों का विकास।
    2. हैंडलूम, हस्तशिल्प, ऊन, चर्म और खनिज आधारित उद्योगों को प्रोत्साहित करना।
    3. लघु उद्योगों के क्लस्टर का विकास।
    4. स्थानीय कच्चे माल के उपयोग से स्थायी आजीविका साधन विकसित करना।