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[ 1 ] - राजस्थान का परिचय और मुख्य तथ्य

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इतिहास और प्राचीन नाम: वैदिक काल में इसे 'ब्रह्मवर्त' और रामायण काल में 'मरुकांतर' कहा गया।

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राजस्थान के एकीकरण के बाद 30 मार्च को 'राजस्थान दिवस' के रूप में मनाया जाने लगा।

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कर्नल जेम्स टॉड को घुड़सवारी के कारण उन्हें स्थानीय लोग "घोड़े वाला बाबा" कहकर संबोधित करते थे।


  1. इतिहास और प्राचीन नाम:

    • वैदिक काल में इसे 'ब्रह्मवर्त' और रामायण काल में 'मरुकांतर' कहा गया।
    • राजस्थान शब्द का सबसे प्राचीन उल्लेख वि संवत 682 में वसंतगढ़ (सिरोही) के एक शिलालेख में मिलता है।
    • जार्ज थामस ने 1800 ईस्वी में इसे 'राजपुताना' कहा।
    • बाद में, कर्नल जेम्स टॉड ने इसे 'रायथान' कहा, और उनकी पुस्तक "Annals and Antiquities of Rajasthan" में 'राजस्थान' शब्द का प्रचलन हुआ।


राजस्थान के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संदर्भ:


  1. कर्नल जेम्स टॉड और उनकी पुस्तक:

    • कर्नल जेम्स टॉड ने राजस्थान के इतिहास और संस्कृति को विस्तार से अपनी पुस्तक "Annals and Antiquities of Rajasthan" में दर्ज किया।
    • इसका पहली बार हिंदी अनुवाद गौरीशंकर हीराचंद ओझा ने किया, और इसे हिंदी में "प्राचीन राजस्थान का विश्लेषण" नाम दिया गया।
    • कर्नल जेम्स टॉड 1818-1821 के दौरान मेवाड़ (उदयपुर) क्षेत्र में ब्रिटिश पोलिटिकल एजेंट थे।
    • अपने ऐतिहासिक शोध और घुड़सवारी के कारण उन्हें स्थानीय लोग "घोड़े वाला बाबा" कहकर संबोधित करते थे।

  1. राजस्थान का एकीकरण और राजस्थान दिवस:

    • 30 जनवरी 1949 को जयपुर, जोधपुर, जैसलमेर, और बीकानेर राज्यों के एकीकरण के साथ "वृहद राजस्थान" का गठन हुआ।
    • राजस्थान के एकीकरण के बाद 30 मार्च को 'राजस्थान दिवस' के रूप में मनाया जाने लगा।