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[ 2 ] - राजस्थान के राज्य प्रतीक चिह्नों और उनसे जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारि


### **1. राज्य वृक्ष - खेजड़ी (Prosopis cineraria)**  

- **उपनाम:**  

  - "रेगिस्तान का गौरव"  

  - "थार का कल्पवृक्ष"  

- **घोषित वर्ष:** 5 जनवरी 1983  

- **विवरण:**  

  - शेखावटी क्षेत्र में सर्वाधिक देखा जाता है।  

  - नागौर जिले में खेजड़ी वृक्षों की संख्या सबसे अधिक है।  

  - दशहरे और विजयादशमी पर इस वृक्ष की पूजा होती है।  

  - प्रसिद्ध घटनाएँ:  

    - पांडवों ने अज्ञातवास के दौरान अपने अस्त्र-शस्त्र खेजड़ी के वृक्ष पर छुपाए थे।  




    - **अमृता देवी बलिदान (1730)


:** जोधपुर के राजा अभयसिंह के समय खेजड़ली गाँव में 363 बिश्नोईयों ने इस वृक्ष की रक्षा हेतु बलिदान दिया।  

    - खेजड़ली दिवस: हर 12 सितंबर को मनाया जाता है।  

- **उपयोग:**  

  - हरी फली: सांगरी  

  - सूखी फली: खोखा  

  - पत्तियाँ: लुंग (पशु चारे के रूप में)  

- **स्थानीय नाम:**  

  - पंजाबी/हरियाणवी: जांटी  

  - सिंधी: धोकड़ा  

  - तमिल: पेयमेय  

  - कन्नड़: बन्ना बन्नी  





### **2. राज्य पुष्प - रोहिड़ा (Tecomella undulata)**  


- **उपनाम:**  

  - "मरूशोभा"  

  - "रेगिस्तान का सागवान"  

- **घोषित वर्ष:** 21 जनवरी 1983  

- **विवरण:**  

  - मार्च-अप्रैल में खिलने वाले गहरे केसरिया या पीले रंग के पुष्प।  

  - मारवाड़ क्षेत्र में इसे "मारवाड़ टीक" कहा जाता है।  

  - मुख्यतः राजस्थान के पश्चिमी भागों में पाया जाता है।  





### **3. राज्य पशु**  



#### **(i) जंगली पशु: चिंकारा (Gazella bennettii)**  


- **घोषित वर्ष:** 1981  

- **उपनाम:** छोटा हिरण  

- **मुख्य स्थान:** मरू क्षेत्र (थार रेगिस्तान), नाहरगढ़ अभयारण्य, जयपुर।  

- **विशेषता:**  

  - "चिकारा" नामक वाद्य यंत्र भी इसके नाम से जुड़ा है।  

  - यह राजस्थान की जैव विविधता का प्रमुख हिस्सा है।  



#### **(ii) पालतू पशु: ऊँट (Camelus dromedarius)**  

ऊट  को रेगिस्तान का जहाज भी कहते है 

- **मुख्य नस्लें:** जैसलमेरी, बीकानेरी, सिंधी, कच्छी।  

- **रोचक तथ्य:**  

  - ऊँटनी के दूध में विटामिन C प्रचुर मात्रा में पाया जाता है।  

  - बीकानेर स्थित "उरमूल डेयरी" ऊँटनी के दूध से उत्पाद बनाने में प्रसिद्ध है।  

  - "गोरबंद" राजस्थान का ऊँट श्रृंगार गीत है।  

  - अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 2024 को "कैमलिड्स वर्ष" घोषित किया गया।  





राज्य पक्षी - गोडावण (Great Indian Bustard)


  • वैज्ञानिक नाम: Ardeotis nigriceps
  • घोषित वर्ष: 1981
  • मुख्य स्थान:
    • मरूउधान (जैसलमेर, बाड़मेर)
    • सोरसन (बांरा)
    • सोकलिया (अजमेर)
  • विशेषताएँ:
    • यह मुख्य रूप से राजस्थान और गुजरात में पाया जाता है।
    • गोडावण का प्रजनन काल: अक्टूबर-नवंबर।
    • इनका भोजन: मूंगफली और तारामीरा।
    • ऊँचाई: लगभग 4 फुट।
  • संकटग्रस्त स्थिति:
    • IUCN की "लाल सूची" में गंभीर रूप से संकटग्रस्त
    • भारतीय वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 की अनुसूची 1 में शामिल।
  • संरक्षण केंद्र:
    • जोधपुर जंतु उद्यान गोडावण के प्रजनन हेतु प्रसिद्ध है।



2. राज्य गीत - "केसरिया बालम आओ नी पधारो म्हारे देश"


  • पहली गायिका: उदयपुर की मांगी बाई।
  • अंतरराष्ट्रीय प्रसिद्धि: इसे बीकानेर की मरूकोकिला अल्ला जिल्लाबाई ने लोकप्रिय बनाया।
  • प्रमुख शैली: मांड गायिकी।
  • रोचक तथ्य:
    • अल्ला जिल्लाबाई ने यह गीत बीकानेर महाराजा गंगासिंह के दरबार में पहली बार गाया।
    • यह गीत राजस्थान की लोक-संस्कृति का प्रतीक है।


3. राज्य नृत्य - घूमर


  • विवरण:
    • केवल महिलाओं द्वारा किया जाने वाला नृत्य।
    • इसे "राजस्थानी नृत्यों की आत्मा" कहा जाता है।
    • प्रमुख अवसर: विवाह, त्योहार और विशेष सांस्कृतिक उत्सव।


4. राज्य शास्त्रीय नृत्य - कत्थक

  • विशेषताएँ:
    • उत्तर भारत का प्रमुख नृत्य।
    • राजस्थान में जयपुर घराना प्रसिद्ध है।
    • जन्मदाता: भानु जी महाराज।
  • जयपुर घराने की विशेषता:
    • गति, चक्र और ताल पर आधारित।
    • इसे कथाओं के प्रदर्शन का साधन माना जाता है।


5. राज्य खेल - बास्केटबॉल

  • घोषित वर्ष: 1948
  • विवरण:
    • राजस्थान में खेलों के विकास और पहचान को बढ़ावा देने के लिए इसे राज्य खेल घोषित किया गया।