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राजस्थान के मेले

 

राजस्थान के पशु मेले

🐂 राजस्थान के प्रमुख पशु मेले 🐪

क्रम पशु मेला स्थान मास प्रमुख नस्ल विशेषता
1श्रीबलदेवमेड़ता सिटीचैत्र सुदीनागौरी
2वीर तेजाजीपरबतसरश्रावण-भाद्रपदनागौरीसरकार को सर्वाधिक आय
3रामदेवमानासरमार्गशीर्षनागौरीबैलों की सर्वाधिक बिक्री
4गोमती सागरझालरापाटनवैशाखमालवीहाड़ौती का सबसे बड़ा
5चन्द्रभागाझालरापाटनकार्तिकमालवी
6पुष्करपुष्कर (अजमेर)कार्तिकगिरप्रसिद्ध अंतरराष्ट्रीय मेला
7गोगामेड़ीनोहरभाद्रपदहरियाणवीसबसे लंबा चलने वाला
8शिवरात्रिकरौलीफाल्गुनहरियाणवी
9जसवंत प्रदर्शनीआश्विनहरियाणवी
10श्री मल्लीनाथतिलवाड़ाचैत्र कृष्ण 11 से शुक्ल 11थारपारकरसबसे पहले आने वाला
11बहरोड़बहरोड़ (अलवर)मुर्राहभैंस व्यापार
12रधुनाथ पुरीसांचैर (जालौर)
13सेवडियारानीवाड़ा (जालौर)राज्य की सबसे बड़ी डेयरी
राजस्थान के लोक मेले

राजस्थान के लोक मेले

1. बेणेश्वर धाम मेला

स्थान: डूंगरपुर
समय: माघ पूर्णिमा
बागड़ का पुष्कर, आदिवासी मेला | सोम, माही, जाखम नदियों का संगम | संत मावजी को ज्ञान की प्राप्ति

2. घोटिया अम्बा मेला

स्थान: बांसवाड़ा
समय: चैत्र अमावस्या
भीलों का कुंभ

3. भूरिया बाबा / गोतमेश्वर मेला

स्थान: अरणोद, प्रतापगढ़
समय: वैशाख पूर्णिमा
मीणा जनजाति का कुंभ

4. चोथ माता का मेला

स्थान: चैथ का बरवाड़ा, सवाई माधोपुर
समय: माध कृष्ण चतुर्थी
कंजर जनजाति का कुंभ

5. गौर का मेला

स्थान: सिरोही
समय: वैशाख पूर्णिमा
गरासिया जनजाति का कुंभ

6. सीताबाड़ी का मेला

स्थान: केलवाड़ा, बारां
समय: ज्येष्ठ अमावस्या
सहरिया जनजाति का कुंभ | हाड़ौती अंचल का सबसे बड़ा मेला

7. पुष्कर मेला

स्थान: पुष्कर, अजमेर
समय: कार्तिक पूर्णिमा
तीर्थों का मामा | अंतर्राष्ट्रीय स्तर का मेला | पशु मेला (गिर नस्ल)

8. कपिल मुनि का मेला

स्थान: कोलायत, बीकानेर
समय: कार्तिक पूर्णिमा
कोलायत झील पर दीपदान | सांख्य दर्शन के प्रणेता | जंगल प्रदेश का सबसे बड़ा मेला

9. साहवा का मेला

स्थान: चूरू
समय: कार्तिक पूर्णिमा
सिख धर्म का सबसे बड़ा मेला

10. चन्द्रभागा मेला

स्थान: झालरापाटन, झालावाड़
समय: कार्तिक पूर्णिमा
चन्द्रभागा नदी किनारे शिवालय | मालवी नस्ल का पशु मेला
राजस्थान के लोक मेले

📿 राजस्थान के लोक मेले

11. भतः हरि का मेला
(अलवर)
भाद्र शुक्ल अष्टमी को। नाथ सम्प्रदाय की तपोभूमि, मत्स्य क्षेत्र का सबसे बड़ा मेला।
12. रामदेव मेला
(रामदेवरा-जैसलमेर)
रामदेवरा (रूणिचा) में। तेरहताली नृत्य (कामड़ सम्प्रदाय)। साम्प्रदायिक सद्भावना का सबसे बड़ा मेला।
13. बीजासणी माता का मेला
(लालसोट-दौसा)
चैत्र पूर्णिमा को।
14. कजली तीज का मेला
(बूंदी)
भाद्र कृष्ण तृतीया को।
15. मंचकुण्ड तीर्थ मेला
(धौलपुर)
अश्विन शुक्ल पंचमी को। तीर्थों का भान्जा।
16. वीरपुरी का मेला
(मण्डौर-जोधपुर)
श्रावण कृष्ण पंचमी (नाग पंचमी)।
17. लोटियों का मेला
(मण्डौर-जोधपुर)
श्रावण शुक्ल पंचमी को।
18. डोल मेला
(बांरा)
भाद्र शुक्ल एकादशी को। श्री जी का मेला।
19. फूल डोल मेला
(शाहपुरा-भीलवाड़ा)
चैत्र कृष्ण एकम से पंचमी तक।
20. अन्नकूट मेला
(नाथद्वारा-राजसमंद)
कार्तिक शुक्ल एकम। गोवर्धन मेला।
21. भोजनथाली परिक्रमा मेला
(कामा-भरतपुर)
भाद्र शुक्ल दूज को।
22. श्री महावीर जी का मेला
(चान्दनपुर-करौली)
चैत्र शुक्ल त्रयोदशी से वैशाख कृष्ण दूज तक। जैन धर्म का सबसे बड़ा मेला।
23. ऋषभदेव जी का मेला
(धूलेव-उदयपुर)
चैत्र कृष्ण अष्टमी (शीतलाष्टमी)। केसरिया जी, आदिनाथ जी, काला जी आदि नामों से प्रसिद्ध।
24. चन्द्रप्रभू का मेला
(तिजारा-अलवर)
फाल्गुन शुक्ल सप्तमी को। जैन धर्म का मेला।
25. बाड़ा पट्टपुरा का मेला
(जयपुर)
जैन धर्म का मेला।
26. रंगीन फव्वारों का मेला
(डींग-भरतपुर)
फाल्गुन पूर्णिमा को।
27. डाडा पम्पा राम का मेला
(विजयनगर-श्रीगंगानगर)
फाल्गुन माह में।
28. बुढ़ा जोहड़ का मेला
(डाबला-रायसिंहनगर-श्रीगंगानगर)
श्रावण अमावस्या को मुख्य मेला।
29. वृक्ष मेला
(खेजड़ली-जोधपुर)
भाद्र शुक्ल दशमी को। भारत का एकमात्र वृक्ष मेला।
राजस्थान के लोक मेले
31. गलता तीर्थ का मेला
(जयपुर)
मार्गशीर्ष एकम् (कृष्ण पक्ष)। रामानुज सम्प्रदाय की प्रधान पीठ गलता में स्थित।
32. माता कुण्डालिनी का मेला
(चित्तौड़गढ़)
राश्मि स्थान पर भरता है। मातृकुण्डिया को "राजस्थान का हरिद्वार" कहा जाता है।
33. गणगौर मेला
(जयपुर)
चैत्र शुक्ल तृतीया। बिन ईसर की गवर प्रसिद्ध, जैसलमेर में चैत्र शुक्ल चतुर्थी को सवारी निकलती है।
34. राणी सती का मेला
(झुंझुनू)
भाद्रपद अमावस्या को भरता था। सती प्रथा निवारण अधिनियम-1987 के तहत 1988 में रोक।
35. त्रिनेत्र गणेश मेला
(रणथम्भौर-सवाई माधोपुर)
भाद्र शुक्ल चतुर्थी को।
36. चुन्धी तीर्थ का मेला
(जैसलमेर)
गणेश जी से संबंधित मेला। हेरम्भ गणपति मंदिर बीकानेर में — गणेश जी को शेर पर सवार दिखाया गया।
37. मानगढ़ धाम का मेला
(बांसवाड़ा)
आश्विन पूर्णिमा को। गोविंदगिरी की स्मृति में।
38. खेतलाजी का मेला
(पाली)
चैत्र कृष्ण एकम् को।
39. गोगा जी का मेला
(गोगामेड़ी-नोहर-हनुमानगढ़)
भाद्र कृष्ण नवमी को।
40. तेजा जी का मेला
(परबतसर-नागौर)
भाद्र शुक्ल दशमी को।
41. करणी माता का मेला
(देशनोक-बीकानेर)
नवरात्रों के दौरान।
42. शीतला माता का मेला
(चाकसू-जयपुर)
चैत्र कृष्ण अष्टमी — शीतला अष्टमी।
43. जीण माता का मेला
(रेवासा-सीकर)
नवरात्रों के दौरान।
44. थार महोत्सव
(बाड़मेर)
स्थानीय संस्कृति का उत्सव।
45. मरू महोत्सव
(जैसलमेर)
माघ माह में। रेत और लोकसंस्कृति का उत्सव।
46. हाथी महोत्सव
(जयपुर)
रंग-बिरंगे सजे हाथियों की शोभायात्रा।
47. मेवाड़ महोत्सव
(उदयपुर)
महाराणा संस्कृति का उत्सव।
48. बृज महोत्सव
(भरतपुर)
होली से पूर्व बृज संस्कृति का उत्सव।
49. मारवाड़ महोत्सव
(जोधपुर)
राजस्थानी वीर संस्कृति का उत्सव।
50. बूंदी महोत्सव
(बूंदी)
बूंदी की चित्रकला और सांस्कृतिक धरोहर का प्रदर्शन।
51. ऊंट महोत्सव
(बीकानेर)
ऊंटों की परेड, दौड़ और सजावट की प्रतियोगिता।
52. मीरा महोत्सव
(चित्तौड़गढ़)
आश्विन/शरद पूर्णिमा को। भक्ति संगीत व सांस्कृतिक कार्यक्रम।
53. पतंग महोत्सव
(जयपुर)
मकर संक्रांति को — रंग-बिरंगे पतंगों का उत्सव।
54. गुब्बारा महोत्सव
(बाड़मेर)
हॉट एयर बैलून प्रतियोगिता।
55. ग्रीष्म एवं शरद महोत्सव
(माउंट आबू, सिरोही)
ग्रीष्मकालीन और शरद ऋतु में पर्वों की श्रृंखला।
राजस्थान के मुस्लिम मेले व उर्स

🕌 राजस्थान के प्रमुख उर्स व मुस्लिम स्थल

1. गरीब नवाज का उर्स
अजमेर
ख्वाजा मुइनूद्दीन चिश्ती की स्मृति में, रज्जब 1 से 6 तक। यह सबसे बड़ा उर्स है।
2. तारकीन का उर्स
नागौर
संत हमीदुद्दीन नागौरी की स्मृति में। दूसरा सबसे बड़ा उर्स।
3. गलियाकोट का उर्स
गलियाकोट (डूंगरपुर)
पीर फखरूद्दीन की स्मृति में। बोहरा सम्प्रदाय की पीठ।
4. नरहड़ के पीर का उर्स
चिड़ावा (झुनझुनू)
हजरत शक्कर बाबा की स्मृति में। इन्हें बांगड़ का धणी कहते हैं। भाद्र कृष्ण अष्टमी को भरता है।
5. अन्य मुस्लिम स्थल
राजस्थान
प्रहरी मीनार, गमता गाजी, गुलाम कलन्दर, गुलाम खां, भूरे खां (जोधपुर),
नेहरू खां की मजार (कोटा), अलाउद्दीन खिलजी (जालौर), अकबर का मकबरा (आमेर),
जामा मस्जिद (जूनागढ़), ऊषा मस्जिद (बयाना), शेरखां (हनुमानगढ़),
खुदा बख्श बाबा, पीर ढुलेशाह (पाली), मीरान साहब (अजमेर),
कमरूद्दीन शाह (झुनझुनू), घोड़े की मजार (अजमेर)।