क्रम |
संस्कार |
विवरण |
1 | गर्भाधान | संतान प्राप्ति के उद्देश्य से किया गया संस्कार। |
2 | पुंसवन | पुत्र प्राप्ति हेतु गर्भकाल में किया जाने वाला संस्कार। |
3 | सिमन्तोउन्नयन | गर्भवती माता और गर्भस्थ शिशु की रक्षा हेतु। |
4 | जातकर्म | शिशु के जन्म पर पहला संस्कार, जिसमें उसे शहद/घी चटाया जाता है। |
5 | नामकरण | शिशु का नाम रखने का संस्कार। |
6 | निष्क्रमण | शिशु को पहली बार घर से बाहर लाने का संस्कार। |
7 | अन्नप्राशन | शिशु को पहली बार अन्न देने का संस्कार। |
8 | चूड़ाकर्म / जडुला | 2 या 3 वर्ष की आयु में बाल मुंडन संस्कार। |
9 | कर्णभेदन | कान छिदवाने का संस्कार। |
10 | विद्यारम्भ | शिशु के पढ़ाई की शुरुआत करने का संस्कार। |
11 | उपनयन | गुरुकुल भेजने से पूर्व यज्ञोपवीत धारण संस्कार। |
12 | वेदारम्भ | वेदों के अध्ययन की शुरुआत का संस्कार। |
13 | गौदान | ब्रह्मचर्य आश्रम में प्रवेश के समय गाय का दान। |
14 | समावर्तन | गुरुकुल से शिक्षा पूरी कर लौटने का संस्कार। |
15 | विवाह | गृहस्थ आश्रम में प्रवेश के लिए किया गया संस्कार। |
16 | अंत्येष्टि | जीवन के अंत में किया गया अंतिम संस्कार। |
क्रम |
संस्कार |
विवरण |
1 | सगाई | वर-वधू की औपचारिक सहमति और परिवारों का मिलन। |
2 | टीका | वर के माथे पर तिलक और उपहार भेंट करना। |
3 | जूनपत्रिका | शुभ मुहूर्त और विवाह तिथि तय करना। |
4 | गणेश पूजन | गृह देवता गणेश की पूजा कर विवाह की शुरुआत। |
5 | बाण बैठाना | वर/वधू को घी पिलाना और पीठी चढ़ाना। |
6 | बिन्दोरी / बन्दोली | वर पक्ष की बारात जैसी शोभायात्रा। |
7 | समेला / मधुपर्क | वधू पक्ष द्वारा बारात का स्वागत। |
8 | ढुकाव | वर का मंडप में प्रवेश। |
9 | तौरण मारना | वर द्वारा द्वार पर तोरण मारना। |
10 | पहरावणी / रंगबरी | दहेज स्वरूप उपहार भेंट। |
11 | बरी पड़ला | वर द्वारा वधू के लिए वस्त्र आदि भेजना। |
12 | मुकलावा / गैना | वधू को ससुराल भेजने की रस्म। |
13 | कंकण डोरा | वर-वधू को रक्षा सूत्र बांधना। |
14 | मंदा झकना | खास रिवाज जिसमें वधू को देखने की रस्म। |
15 | कोथला / छुछक | उपहारों का आदान-प्रदान। |
16 | जान चढ़ना / निकासी | बारात निकलने की प्रक्रिया। |
17 | सास द्वारा दही देना | प्रवेश पर दही खिलाकर आशीर्वाद। |
18 | पैगाम छाना | वधू का स्वागत। |
19 | पाणिग्रहण / हथलेवा | विवाह की मुख्य रस्म – वर द्वारा वधू का हाथ पकड़ना। |
20 | जेवनवार | शादी के भोज – कंवारी, परणी, बड़ी जान, मुकलानी भोज। |
21 | गृहप्रवेश / नांगल | वधू का ससुराल में स्वागत। |
22 | राति जगा | रात में जागरण और मनोरंजन। |
23 | रोड़ी पूजन | घर के बाहर पूजन। |
24 | भात नूतना | वधू के मामा द्वारा मायरा भरना। |
25 | मायरा / भात भरना | वधू के ननिहाल से उपहार आना। |
क्रम |
संस्कार |
विवरण |
1 | बैकुण्ठी | अर्थी को ले जाने की परंपरा |
2 | बखेर | खील, मूंगफली, रूई, पैसे, अनाज आदि का प्रसारण |
3 | आधेठा | अर्थी की दिशा बदलना |
4 | अत्येष्टि | दाह संस्कार की मुख्य प्रक्रिया |
5 | लौपा / लांपा | मृतक को जलाने वाली अग्नि |
6 | मुखाग्नि | मुख्य व्यक्ति द्वारा अग्नि देना |
7 | कपाल क्रिया | मस्तक फोड़ा जाना अंतिम क्रिया के रूप में |
8 | सांतरवाडा | परिजनों द्वारा शोक संवेदना व्यक्त करना (12 दिन) |
9 | फूल चूनना | तीसरे दिन की रस्म |
10 | मोसर / ओसर / नुक्ता | बारहवें दिन मृत्यु भोज |
11 | पगड़ी | उत्तराधिकारी को पगड़ी पहनाना |
शब्द |
अर्थ |
हरावल | सेना की अग्रिम पंक्ति |
ताजीम | राजा द्वारा सम्मान में खड़े होना |
मिसल | दरबार में पंक्तिबद्ध बैठने की परंपरा |
तलवार बंधाई | उत्तराधिकारी घोषित करने की रस्म |
खालसा भूमि | राजा के सीधे नियंत्रण वाली भूमि |
जागीर भूमि | जागीरदार को दी गई भूमि |
लता | फसल के बाद तोलकर लिया जाने वाला कर |
कुंडा | खड़ी फसल पर अनुमानित कर |
कामठा लाग | दुर्ग निर्माण हेतु वसूला गया कर |
खिचड़ी लाग | युद्ध समय में भोजन हेतु कर |
कीणा | गांव में वस्तु खरीदने पर दिया गया अनाज |
प्रिवीपर्स | राजाओं को दिया जाने वाला गुजारा भत्ता |
करब | राजा द्वारा जागीरदार को दिए गए विशेष सम्मान की परंपरा |
बिगोड़ी | नकद भूमि कर |
सिगोटी | पशुओं की बिक्री पर कर |
जाजम | भूमि बिक्री पर कर |
जकात | सीमा शुल्क (विशेषतः बीकानेर क्षेत्र) |
दाग | सीमा शुल्क |
क्रम |
प्रथा |
विवरण |
रोक का वर्ष/स्थान |
1 |
कन्या वध प्रथा |
राजपूत समाज में बेटी के जन्म पर उसे अफीम या गला दबाकर मारना। |
1833 कोटा, 1834 बूंदी (विल क्विंसन) |
2 |
दास प्रथा |
युद्ध में बंदियों को दास बनाना या शादी में गोला/गोली देना। |
1832 - हाड़ौती क्षेत्र |
3 |
मानव व्यापार प्रथा |
कोटा में “चैगान” नामक कर लेकर मानव क्रय-विक्रय। |
1847 - जयपुर रियासत |
4 |
विधवा विवाह प्रथा |
विधवा महिलाओं के पुनर्विवाह पर रोक। |
1856 – अधिनियम (ईश्वर चंद्र विद्यासागर, लार्ड डलहौजी) |
5 |
दहेज प्रथा |
विवाह में वधू पक्ष से भारी दान-दहेज लेना। |
1961 – दहेज निरोधक कानून |
6 |
बिना मज़दूरी प्रथा |
जागीरदारों द्वारा काम कराने के बाद मजदूरी न देना। |
1961 में रोक |
7 |
बंधुआ मजदूरी/सागड़ी प्रथा/हाली प्रथा |
सेठ-साहूकार द्वारा कर्ज के बदले व्यक्ति को नौकर बनाना। |
बाद में प्रतिबंधित (सरकारी प्रयासों द्वारा) |
Social Plugin