Type Here to Get Search Results !

राजस्थान की रीति-रिवाज

संस्कार - हिन्दू जीवन के 16 रीति-रिवाज

📿 हिन्दू जीवन के 16 संस्कार (रीति-रिवाज)

क्रम संस्कार विवरण
1गर्भाधानसंतान प्राप्ति के उद्देश्य से किया गया संस्कार।
2पुंसवनपुत्र प्राप्ति हेतु गर्भकाल में किया जाने वाला संस्कार।
3सिमन्तोउन्नयनगर्भवती माता और गर्भस्थ शिशु की रक्षा हेतु।
4जातकर्मशिशु के जन्म पर पहला संस्कार, जिसमें उसे शहद/घी चटाया जाता है।
5नामकरणशिशु का नाम रखने का संस्कार।
6निष्क्रमणशिशु को पहली बार घर से बाहर लाने का संस्कार।
7अन्नप्राशनशिशु को पहली बार अन्न देने का संस्कार।
8चूड़ाकर्म / जडुला2 या 3 वर्ष की आयु में बाल मुंडन संस्कार।
9कर्णभेदनकान छिदवाने का संस्कार।
10विद्यारम्भशिशु के पढ़ाई की शुरुआत करने का संस्कार।
11उपनयनगुरुकुल भेजने से पूर्व यज्ञोपवीत धारण संस्कार।
12वेदारम्भवेदों के अध्ययन की शुरुआत का संस्कार।
13गौदानब्रह्मचर्य आश्रम में प्रवेश के समय गाय का दान।
14समावर्तनगुरुकुल से शिक्षा पूरी कर लौटने का संस्कार।
15विवाहगृहस्थ आश्रम में प्रवेश के लिए किया गया संस्कार।
16अंत्येष्टिजीवन के अंत में किया गया अंतिम संस्कार।
राजस्थानी विवाह के रीति-रिवाज

💍 राजस्थानी विवाह के रीति-रिवाज

क्रम संस्कार विवरण
1सगाईवर-वधू की औपचारिक सहमति और परिवारों का मिलन।
2टीकावर के माथे पर तिलक और उपहार भेंट करना।
3जूनपत्रिकाशुभ मुहूर्त और विवाह तिथि तय करना।
4गणेश पूजनगृह देवता गणेश की पूजा कर विवाह की शुरुआत।
5बाण बैठानावर/वधू को घी पिलाना और पीठी चढ़ाना।
6बिन्दोरी / बन्दोलीवर पक्ष की बारात जैसी शोभायात्रा।
7समेला / मधुपर्कवधू पक्ष द्वारा बारात का स्वागत।
8ढुकाववर का मंडप में प्रवेश।
9तौरण मारनावर द्वारा द्वार पर तोरण मारना।
10पहरावणी / रंगबरीदहेज स्वरूप उपहार भेंट।
11बरी पड़लावर द्वारा वधू के लिए वस्त्र आदि भेजना।
12मुकलावा / गैनावधू को ससुराल भेजने की रस्म।
13कंकण डोरावर-वधू को रक्षा सूत्र बांधना।
14मंदा झकनाखास रिवाज जिसमें वधू को देखने की रस्म।
15कोथला / छुछकउपहारों का आदान-प्रदान।
16जान चढ़ना / निकासीबारात निकलने की प्रक्रिया।
17सास द्वारा दही देनाप्रवेश पर दही खिलाकर आशीर्वाद।
18पैगाम छानावधू का स्वागत।
19पाणिग्रहण / हथलेवाविवाह की मुख्य रस्म – वर द्वारा वधू का हाथ पकड़ना।
20जेवनवारशादी के भोज – कंवारी, परणी, बड़ी जान, मुकलानी भोज।
21गृहप्रवेश / नांगलवधू का ससुराल में स्वागत।
22राति जगारात में जागरण और मनोरंजन।
23रोड़ी पूजनघर के बाहर पूजन।
24भात नूतनावधू के मामा द्वारा मायरा भरना।
25मायरा / भात भरनावधू के ननिहाल से उपहार आना।
मृत्यु संस्कार व राजकीय शब्दावली

⚰️ मृत्यु से संबंधित संस्कार

क्रम संस्कार विवरण
1बैकुण्ठीअर्थी को ले जाने की परंपरा
2बखेरखील, मूंगफली, रूई, पैसे, अनाज आदि का प्रसारण
3आधेठाअर्थी की दिशा बदलना
4अत्येष्टिदाह संस्कार की मुख्य प्रक्रिया
5लौपा / लांपामृतक को जलाने वाली अग्नि
6मुखाग्निमुख्य व्यक्ति द्वारा अग्नि देना
7कपाल क्रियामस्तक फोड़ा जाना अंतिम क्रिया के रूप में
8सांतरवाडापरिजनों द्वारा शोक संवेदना व्यक्त करना (12 दिन)
9फूल चूननातीसरे दिन की रस्म
10मोसर / ओसर / नुक्ताबारहवें दिन मृत्यु भोज
11पगड़ीउत्तराधिकारी को पगड़ी पहनाना

📚 प्रमुख शब्दावली (राजनीतिक / प्रशासनिक

शब्द अर्थ
हरावलसेना की अग्रिम पंक्ति
ताजीमराजा द्वारा सम्मान में खड़े होना
मिसलदरबार में पंक्तिबद्ध बैठने की परंपरा
तलवार बंधाईउत्तराधिकारी घोषित करने की रस्म
खालसा भूमिराजा के सीधे नियंत्रण वाली भूमि
जागीर भूमिजागीरदार को दी गई भूमि
लताफसल के बाद तोलकर लिया जाने वाला कर
कुंडाखड़ी फसल पर अनुमानित कर
कामठा लागदुर्ग निर्माण हेतु वसूला गया कर
खिचड़ी लागयुद्ध समय में भोजन हेतु कर
कीणागांव में वस्तु खरीदने पर दिया गया अनाज
प्रिवीपर्सराजाओं को दिया जाने वाला गुजारा भत्ता
करबराजा द्वारा जागीरदार को दिए गए विशेष सम्मान की परंपरा
बिगोड़ीनकद भूमि कर
सिगोटीपशुओं की बिक्री पर कर
जाजमभूमि बिक्री पर कर
जकातसीमा शुल्क (विशेषतः बीकानेर क्षेत्र)
दागसीमा शुल्क
राजस्थान की सामाजिक प्रथाएं

📜 राजस्थान में प्रचलित सामाजिक प्रथाएं

क्रम प्रथा विवरण रोक का वर्ष/स्थान
1 कन्या वध प्रथा राजपूत समाज में बेटी के जन्म पर उसे अफीम या गला दबाकर मारना। 1833 कोटा, 1834 बूंदी (विल क्विंसन)
2 दास प्रथा युद्ध में बंदियों को दास बनाना या शादी में गोला/गोली देना। 1832 - हाड़ौती क्षेत्र
3 मानव व्यापार प्रथा कोटा में “चैगान” नामक कर लेकर मानव क्रय-विक्रय। 1847 - जयपुर रियासत
4 विधवा विवाह प्रथा विधवा महिलाओं के पुनर्विवाह पर रोक। 1856 – अधिनियम (ईश्वर चंद्र विद्यासागर, लार्ड डलहौजी)
5 दहेज प्रथा विवाह में वधू पक्ष से भारी दान-दहेज लेना। 1961 – दहेज निरोधक कानून
6 बिना मज़दूरी प्रथा जागीरदारों द्वारा काम कराने के बाद मजदूरी न देना। 1961 में रोक
7 बंधुआ मजदूरी/सागड़ी प्रथा/हाली प्रथा सेठ-साहूकार द्वारा कर्ज के बदले व्यक्ति को नौकर बनाना। बाद में प्रतिबंधित (सरकारी प्रयासों द्वारा)