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राजस्थान की प्रमुख लोक देवियाँ

 


1. करणी माता

  • स्थान: देशनोक (बीकानेर)

  • विशेषता: चूहों वाली देवी के नाम से प्रसिद्ध

  • कुलदेवी: बीकानेर के राठौड़ वंश की कुलदेवी

  • मंदिर निर्माण: कर्ण सिंह द्वारा; पुनर्निर्माण – महाराजा गंगा सिंह

  • पुजारी वर्ग: चारण समाज

  • विशेष तथ्य: सफेद चूहे "काबा" कहलाते हैं

  • मेला: चैत्र व आश्विन नवरात्रों में


2. जीण माता

  • स्थान: रेवासा ग्राम (सीकर)

  • कुलदेवी: अजमेर के चौहानों की कुलदेवी

  • विशेष परंपरा: अढ़ाई प्याले शराब चढ़ाने की रस्म

  • निर्माता: हटड़ को माना जाता है

  • लोकगीत: राजस्थान का सबसे लंबा लोकगीत

  • जातीय सहभागिता: मीणा जनजाति प्रमुख रूप से भाग लेती है

  • मेला: नवरात्रों में लगता है


3. कैला देवी

  • स्थान: करौली

  • कुलदेवी: यादव वंश की कुलदेवी

  • भक्ति परंपरा: लांगूरिया गीत प्रमुख आकर्षण

  • मेला: चैत्र नवरात्रों में लगता है

  • जातीय श्रद्धा: विशेष रूप से यादव समाज


4. शीतला माता

  • स्थान: चाकसू (जयपुर)

  • उपनाम: चेचक की देवी, बच्चों की पालनहार, सेढ़ल माता

  • मंदिर निर्माण: माधोसिंह द्वितीय द्वारा

  • वाहन: गधा

  • पुजारी वर्ग: कुम्हार समाज

  • प्रसाद: बासड़िया (बासी भोजन)

  • विशेष पूजा: खंडित रूप में पूजा जाती हैं

  • मेला: चैत्र कृष्ण अष्टमी (शीतला अष्टमी)

  • संबंधित पर्व: इसी दिन मारवाड़ में "घुड़ला" पर्व मनाया जाता है




5. शाकम्भरी माता

  • मुख्य मंदिर: उदयपुरवाटी (झुंझुनूं)

  • कुलदेवी: खण्डेलवाल समाज, चैहान वंश

  • उपनाम: शाक / सब्जियों की रक्षक देवी

  • अन्य मंदिर: सांभर (जयपुर)


6. शीला माता

  • स्थान: आमेर (जयपुर)

  • उपनाम: अन्नपूर्णा देवी

  • मंदिर निर्माण: कच्छवाह शासक मानसिंह प्रथम

  • मूर्ति: केदारनाथ (बंगाल शासक) से लाई गई

  • प्रमुख स्थान: आमेर किला

  • प्रसाद: शराब / जल (भक्त की इच्छा अनुसार)

  • अन्य: कुण्डा ग्राम को हाथी गांव के रूप में विकसित किया गया


7. राणी सती माता

  • स्थान: झुंझुनूं

  • उपनाम: दादी जी

  • वास्तविक नाम: नारायणी बाई (अग्रवाल)

  • पति: तनधनदास

  • परिवार में: 13 सतियाँ

  • मेला: भाद्रपद अमावस्या

  • कानूनी तथ्य: 1988 में सती प्रथा निवारण अधिनियम, 1987 के तहत मेला बंद


8. नारायणी माता

  • स्थान: बरखा डूंगरी, राजगढ़ तहसील (अलवर)

  • कुलदेवी: नाई समाज

  • अराध्य देवी: मीणा समाज


9. आई माता

  • स्थान: बिलाड़ा (जोधपुर)

  • कुलदेवी: सिरवी समाज

  • मंदिर: थान / दरगाह / बढेर कहलाते हैं

  • विशेषता: दीपक से केसर टपकती है


10. आवड़ माता

  • स्थान: भू-गांव (जैसलमेर)

  • उपनाम: तेमड़ेराय

  • अवतार: हिंगलाज माता का

  • मान्यता: हकरा नदी का सारा पानी एक घूंट में पी गई थीं


11. आशापुरा माता

  • मंदिर स्थान: नाडौल (पाली), पोकरण (जैसलमेर), मोदरा/महोदरा (जालौर)

  • कुलदेवी: सोनगरा चौहान वंश (नाडौल, जालौर)

  • नामांतर: मोदरां (जालौर) में "महोदरी माता"


12. सच्चिया माता

  • स्थान: औंसिया (जोधपुर)

  • निर्माता: उपलदेव

  • कुलदेवी: औसवाल समाज

  • मंदिर निर्माण: प्रतिहार वंश के शासकों द्वारा


13. ब्रह्माणी माता

  • स्थान: सोरसण (बांरा)

  • विशेषता: विश्व का एकमात्र मंदिर जहां देवी की पीठ की पूजा होती है


14. तनोटिया माता

  • स्थान: तन्नोट (जैसलमेर)

  • स्थापना: महाराजा केहर द्वारा पुत्र तणु के नाम पर

  • उपनाम: थार की वैष्णो, सेना के जवानों की देवी


15. स्वागिया माता

  • स्थान: जैसलमेर

  • कुलदेवी: भाटी वंश

  • अर्थ: स्वांग = भाला

  • मंदिर: गजरूप सागर के किनारे



क्रम माता का नाम स्थान / विवरण
1करणी मातादेशनोक (बीकानेर)
2जीण मातारेवासा (सीकर)
3कैला देवीकरौली
4शीतला माताचाकसू (जयपुर)
5शाकम्भरी माताउदयपुर वाटी (झुंझुनूं), सांभर (जयपुर)
6शीला माताआमेर (जयपुर)
7राणी सती माताझुंझुनू
8नारायणी माताबरखा डूंगरी, राजगढ़ (अलवर)
9आई माताबिलाड़ा (जोधपुर)
10आवड़ माताभू-गांव (जैसलमेर)
11आशापुरा मातानाडौल (पाली), पोकरण (जैसलमेर), मोदरां (जालौर)
12सच्चिया माताऔंसिया (जोधपुर)
13ब्रह्माणी मातासोरसण (बारां)
14तनोटिया मातातन्नौट (जैसलमेर)
15स्वागिया माताजैसलमेर
16छींक माताजयपुर
17छीछं माताबांसवाड़ा
18हिचकी मातासरवाड़ (अजमेर)
19अम्बिका माताजगत (उदयपुर)
20क्षेमकारी माताभीनमाल (जालौर)
21सुभद्रा माताभाद्राजून (जालौर)
22खूबड़ मातासिवाणा (बाड़मेर)
23बाण माताउदयपुर
24नागानेची मातानागाणा (बाड़मेर)
25बिखड़ी माताउदयपुर
26सुंधा मातासुंधा पर्वत (जालौर)
27घेवर माताराजसमंद
28चार भुजा देवीखमनोर (राजसमंद)
29पीपाड़ माताओसियां (जोधपुर)
30आमजा माताकेलवाड़ा (उदयपुर)